पक्का साजिश के शिकार हुए धर्मात्मा निषाद ....डाक्टर ,संजय निषाद

पक्का साजिश के शिकार हुए धर्मात्मा निषाद ....डाक्टर ,संजय निषाद

डाक्टर संजय निषाद,फाइल फोटो


लखनऊ,डाक्टर संजय निषाद ने साजिश कर्ताओं की पकड़ पहचान के लिए जांच करवा रहे है वह सब शक के घेरे में आते हैं जो जो उनके पेज पर एडमिन हो या मॉडरेटर हो या पेज एडिटर हो या उनका फेसबुक और अन्य सोशल प्लेटफॉर्म जहां-जहां फेसबुक लॉगिन रहा हो वह सब शक के घेरे में आते हैं जो अभी जल्दी ग्रुप से बाहर हुए आप खुद ही देख हत्या वाले दिन दो जगह फेसबुक लॉगिन था आज एक है वो दूसरा कौन व्यक्ति था ?

धर्मात्मा निषाद निषाद पार्टी को पिछले 10 वर्षों से अपना समय दिए अपना गुरु मानते थे डॉक्टर संजय निषाद को और उनके साथ लगातार चलते रहे लेकिन किसी कारण बस उन्हें डॉक्टर संजय निषाद या निषाद पार्टी से नाराजगी हुई वह लाइव आए और अपनी भड़ास निकाल गुस्सा निकाल लेकिन एक गुरु को अपने शिष्य के नाराजगी के बारे में जब पता चला तो उन्होंने उस को अपने साथ मिलाया उसके नाराजगी के  कारण  को जानने की कोशिश की और यह आम बात है किसी भी परिवार में किसी भी बात को लेकर के झगड़ा या मन मोटाओ हो जाते हैं लेकिन फिर वह सही भी हो जाता है ऐसा ही हुआ डॉक्टर संजय निषाद और धर्मात्मा निषाद के बीच में डॉक्टर संजय निषाद एक बड़े परिवार के मुखिया होने के नाते उनको यह समझ है अपने कार्यकर्ता को कैसे मनाना है और उन्होंने मनाया 13 जनवरी 2025 को संकल्प दिवस रैली में धर्मात्मा निषाद बढ़-चढ़कर के हिस्सा लिए फिर उनके विधानसभा पनियरा में महाराजगंज में संवैधानिक रैली के दौरान बड़े खुशी के साथ डॉक्टर संजय निषाद के साथ उन्होंने फिर से अपना योगदान देना शुरू किया यह बात उन उन लोगों को ना गवार गुजरी जो निषाद पार्टी को तोड़ना और डॉक्टर संजय निषाद को खत्म करना चाहते थे उन्होंने साजिश रचना शुरू किया जिसमें धर्मात्मा साजिश के शिकार हुए  हैं क्योंकि धर्मात्मा निषाद पहले ही सोशल मीडिया पर आकर निषाद पार्टी और उनके परिवार से अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके थे यह उन लोगो को मौका मिल गया की धर्मात्मा को साजिश का शिकार बनाया जा सके और धर्मात्मा  की  साजिश के तहत हत्या कर दी गई और उसे सुसाइड का नाम दिया गया अब उनके लाश पर राजनीति करके निषाद पार्टी को खत्म करने के लिए पुराने वीडियो पुराने फोटो सोशल मीडिया पर वायरल करना शुरू कर दिया जिससे निषादों में निषाद पार्टी की छवि खराब हो 
क्योंकि आप बताएं
सुसाइड की सूचना उनके भाई के द्वारा मिलने से पहले कुछ लोग वहां पर पहले कैसे पहुंच गए मीडिया कैसे पहुंच गई जिस कमरे की बात कर रहे हैं उस कमरे में ऐसा लॉक ऐसा लगा हुआ है जिसे अंदर से दबाकर बाहर से बंद कर दिया जाए तो अंदर से लॉक हो जाता है मानो लगेगा की अंदर से लॉक किया गया है लेकिन बटन दबाकर कोई बाहर निकाल कर के दरवाजा बंद कर सकता है  कुछ बातें स्पष्ट नहीं हो पा रही हैं और जवाब भी नहीं मिल रहा है लगातार निषाद पार्टी और संजय निषाद पर प्रहार किया जा रहे हैं कोई उन बातों को क्यों नहीं ढूंढ जा रहा है मुद्दों से पुराने पोस्ट के जरिए क्यों भड़काया जा रहा है 

क्या निषाद पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता और निषाद समाज का बढ़ता सम्मान कुछ लोगों को हजम नहीं हो रहा है
क्या उनके संवैधानिक रैली निकलने से बहुत से लोग परेशान हैं की निषाद समाज अब एकजुट हो रहा है उनको तोड़ने की साजिश रचना शुरू कर दिए हैं 

क्या उनके पार्टी में विभीषण घुस गए हैं जो अपनों में ही लड़ाई लाडवा रहे हैं निषाद का चोला ओढ़ कर निषादों को ही आपस में लड़वाना चाहते हैं 

धर्मात्मा जैसे क्रांतिकारी युवा तेज तर्रार नेता को साजिश के तहत मार कर सुसाइड का नाम देने में लगे हैं 

धर्मात्मा निषाद सुसाइड करेगा ही क्यों जब वह दूसरे की लड़ाई लड़ने वाला व्यक्ति था तो अपनी लड़ाई भी लड़ता कायरतापुर  पूर्ण कार्य तो बिल्कुल नहीं करता
तो क्या डॉक्टर संजय निषाद और निषाद पार्टी पर आरोप लगाकर अपने कृत्य को छिपाना चाहता है कोई 

क्योंकि फेसबुक व्हाट्सएप और सोशल मीडिया को आसानी से हैक किया जा सकता है कोई भी अकाउंट लॉगिन करके यह पोस्ट कर सकता है 

वह सब शक के घेरे में आते हैं जो जो उनके पेज पर एडमिन हो या मॉडरेटर हो या पेज एडिटर हो या उनका फेसबुक और अन्य सोशल प्लेटफॉर्म जहां-जहां लोगों रहा हो वह सब शक के घेरे में आते हैं जो अभी जल्दी ग्रुप से बाहर हुए बिना जांच के निषाद पार्टी या डॉक्टर संजय निषाद पर आरोप मढ़ना निषाद समाज को अपनी पर पर कुल्हाड़ी मारने की तरह है इतिहास गवाह है जब जब निषाद समाज एकत्र हुए हैं तब तब उनके नेता उनके नेतृत्व करने वाले लोगों को शिकार बनाया गया और फिर से उन्हें कमजोर कर दिया गया और फिर से शोषण होना शुरू हो गया चाहे वह जमुना निषाद हूं चाहे फूलन देवी हो चाहे कोई अन्य निषाद समाज का नेता हो पहले जांच होना चाहिए यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है एक युवा निषाद समाज का बेटा जो निषाद समाज का भविष्य था आज हमारे बीच नहीं है लेकिन क्या इस भावुकता के समय में हम सही निर्णय ले रहे हैं क्या जिन्होंने धर्मात्मा निषाद को शिकार बनाया सफल हो रहे हैं हमें सोचना पड़ेगा और साजिश कर्ताओं को सफल होने देना है या उन्हें बेनकाब करना है आप सोच समझ फैसला करें

Comments