सीएम योगी ने मकर संक्रांति पर गोरखनाथ बाबा को चढ़ाई खिचड़ी, गोरखनाथ मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब
एंकर- यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के गोरखनाथ के मंदिर में बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाई है. इस अवसर पर उन्होंने सभी देश और प्रदेशवासियों को खिचड़ी (मकर संक्रांति) की शुभकामना दी है. गोरखनाथर मंदिर के चप्पे-चप्पे पर एटीएस, पुलिस-पीएसी और पैरामिलिट्री के जवानों की तैनाती की गई है. पुलिस व प्रशासनिक आला-अफसर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं.
वीओ- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्म मुहुर्त में सोमवार को सुबह 4 बजे नाथ पीठ की परंपरा के अनुरूप पीठाधीश्वर की भूमिका में नाथजी की विशेष पूजा-अर्चना की. इसके बाद उन्होंने खिचड़ी चढ़ाई. इसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट को खोल दिया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज मकर संक्रांति का पावन पर्व है. जगत पिता सूर्य की उपासना का ये पावन पर्व उत्तर के साथ पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ आयोजित होता है. प्रदेश में इस पर्व पर अलग-अलग आयोजन होते हैं. देश में कहीं बिहू, पोंगल तो कहीं लोहड़ी और कहीं खिचड़ी संक्रांति के रूप में श्रद्धालुजन आयोजित करते हैं. आज माघ मेला में भी श्रद्धालुजन प्रयागराज, काशी, गढ़मुक्तेश्वर और अयोध्याधाम में नदियों पर स्नान करते हैं. गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का जुड़ाव है.
वीओ- योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर आकर सुबह से आस्था की खिचड़ी चढ़ाने के लिए पंक्ति में खड़े होकर अपनी आस्था को व्यक्त कर रहे हैं. मंदिर प्रबंधन और प्रशासन की ओर से पूरे यूपी में पर्याप्त व्यवस्था दी गई है. सभी श्रद्धालु अनुशासन के साथ दर्शन के साथ अपनी आस्था को पुष्ट करते हुए भारत की सनातन परम्परा को दृढ़ विश्वास के साथ आगे बढ़ा रहा है. पर्व और त्योहार का महत्व आजह के दिन और अधिक हो जाता है. क्योंकि भगवान सूर्य जिन 12 राशियों में विभक्त होकर इस संपूर्ण ब्रह्मांड का भ्रमण करते हैं. आज धनु राशि से मकर राशि में जगतपिता सूर्य का संक्रमण भी है. जो मकर संक्रांति के रूप में है. तो दक्षिणायण से उत्तरायण में सूर्य का जाना सनातन धर्म में शुभ और मांगलिक कार्यों को करने की एक प्रशस्त तिथि मानी जाती है.
वीओ- योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महूर्त के अनुसार मांगलिक और पारिवारिक कार्यक्रम लोग करते हैं. भारत की परंपरा में हजारों वर्षों से उत्तरायण में सूर्य आने का अपना महत्व रहा है. आज ब्रह्म मुहूर्त से ही लोग इस संक्रांति के पर्व से जुड़े हुए हैं. आज सुबह 9.15 बजे भगवान सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में सक्रंमण होगा. इसके पूर्व के 8 घंटे और 8 घंटे बाद का समय शुभ काल माना गया है. इसके दौरान ही श्रद्धालु आकर श्रद्धा का स्नान कर रहे हैं. सभी प्रदेश और देशवासियों को वे हृदय से मंगलमय शुभकामना देते हैं. जगतपिता सूर्य की कृपा उन पर बनी रहे. वे प्रदेश और देश के प्रति अपना योगदान देते रहें. यहीं मंगलकामना करते हैं.
वीओ- गोरखनाथ बाबा को कच्ची खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. देश-दुनिया से श्रद्धालु लाखों की संख्या में यहां पर खिचड़ी चढ़ाने के लिए आते हैं. 15 जनवरी से एक माह का मेला भी लगता है. गोरखनाथ बाबा के दरबार में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. गोरखपुर और आसपास के साथ नेपाल से आए श्रद्धालु रात से ही मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने के लिए लाइन लगाना शुरू कर दिए. मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने वालों की आ रही भीड़ और सुरक्षा को देखते हुए पूरे शहर में यातायात परिवर्तन किए गए हैं. शहर और मंदिर के चप्पे-चप्पे पर एटीएस, पुलिस-पीएसी और पैरामिलिट्री के जवानों की तैनाती की गई है. पुलिस व प्रशासनिक आला-अफसर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं. मंदिर के मुख्य द्वार से गर्भगृह तक श्रद्धालुओं को जाने के लिए बैरिकेडिंग कर पांच रास्ते बनाए गए हैं.
वीओ- पुरुष और महिलाओं के लिए दो-दो रास्ते बनाये गये है. मंदिर के कर्मचारी, संस्कृत विद्यालय के छात्रों के साथ मंदिर के सेवादार परिसर में जगह-जगह तैनात हैं. पुलिस यातायात पुलिस व पीएसी के अलावा एटीएस के 40 कमांडो, 20 पुलिसवालों का स्पेशल दस्ता मंदिर परिसर में तैनात है. मंदिर परिसर में 55 जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. करीब 400 कांस्टेबल सुरक्षा में लगे हैं. इसके अलावा पीएसी भी है. मंदिर में एक अस्थायी थाना और आठ पुलिस चौकियां बनाई गई हैं. पार्किंग के लिए 10 स्थान निर्धारित किए गए हैं. सोमवार सुबह से ही पूरा मंदिर परिसर ढोल, नगाड़ों से गूंजने लगे श्रद्धालु गुरु गोरखनाथ के जयकारे लगा रहे हैं. देश के कई क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने खिचड़ी चढ़ाया. इनमें सबसे अधिक संख्या नेपाल से आने वाले श्रद्धालुओं की है. इस दौरान क्या महिलाएं, पुरुष और बच्चे सभी गुरु गोरखनाथ की दर्शन के लिए मंदिर में उमड़ पड़े हैं. श्रद्धालुओं ने अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हुए अपने आराध्य गुरु गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाई.
वीओ- गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा त्रेतायुग से मानी जाती है. मान्यता है कि आदि योगी गुरु गोरखनाथ एक बार हिमांचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित मां ज्वाला देवी के दरबार में पहुंचे. मां ने उनके भोजन का प्रबंध किया। कई प्रकार के व्यंजन देख बाबा ने कहा कि वह तो योगी हैं और भिक्षा में प्राप्त चीजों को ही भोजन रूप में ग्रहण करते हैं. उन्होंने मां ज्वाला देवी से पानी गर्म करने का अनुरोध किया और स्वयं भिक्षाटन को निकल गए. भिक्षा मांगते हुए वह गोरखपुर आ पहुंचे और यहीं धूनी रमाकर साधनालीन हो गए. उनका तेज देख तभी से लोग उनके खप्पर में अन्न (चावल, दाल) दान करते रहे. इस दौरान मकर संक्रांति का पर्व आने पर यह परंपरा खिचड़ी पर्व के रूप में परिवर्तित हो गई. तब से गुरु गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाने का क्रम अब तक जारी है. कहा जाता है कि उधर ज्वाला देवी के दरबार मे बाबा की खिचड़ी पकाने के लिए आज भी पानी उबल रहा है.
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