गोरखपुर में 10वीं की छात्रा से गैंगरेप: छठ पूजा से वापस घर लौट रही थी, रास्ते से किडनैप कर ले गए दो सगे भाई; खाली मकान में ले जाकर की दरिंदगी
गोरखपुर में 10वीं की छात्रा से गैंगरेप: छठ पूजा से वापस घर लौट रही थी, रास्ते से किडनैप कर ले गए दो सगे भाई; खाली मकान में ले जाकर की दरिंदगी
गोरखपुर में एक 10वीं की छात्रा से गैंगरेप का मामला सामने आया है। दो सगे भाईयों ने उसे रास्ते से किडनैप कर लिया। फिर एक खाली मकान पर ले जाकर उसके साथ गैंगरेप किया। यह घटना उस वक्त अंजाम दी गई, जब छात्रा छठ पूजा घाट से वापस घर लौट रही थी। आरोप है कि बहन की तलाश करते हुए जब छोटा भाई मौके पर पहुंचा तो आरोपियों ने उसकी पिटाई कर दी। घटना बांसगांव इलाके के एक गांव में हुई है।
पुलिस ने बेहोशी की हालत में छात्रा को CHC भेजा, जहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। छात्रा की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने बदरा गांव निवासी चचेरे भाई दीपक और उपेंद्र पर सामूहिक दुष्कर्म, मारपीट और पॉक्सो एक्ट की धारा में केस दर्ज करके गिरफ्तार किया है। SP साउथ अरुण कुमार सिंह ने कहा कि पीड़िता का बयान दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों पर सामूहिक दुष्कर्म व अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई है।
घर लौट रही थी छात्रा
दरअसल, करीब 17 साल की छात्रा रविवार की शाम छठ पर्व में शामिल होने के लिए घाट पर गई थी। लौटते समय आरोपी चचेरे भाइयों ने उसे पकड़ लिया। अगवा करके एक खाली मकान में ले गए और गैंगरेप किया। बेहोशी की हालत में छात्रा को छोड़कर आरोपी भागने ही वाले थे कि बहन को खोजता पीड़िता का भाई मौके पर पहुंच गया।
अस्पताल में भर्ती
आरोपियों ने 12 साल छात्रा के भाई की पिटाई शुरू कर दी। शोर सुनकर लोग एकत्र होने लगे तो आरोपी भाग गए। कुछ देर में छात्रा के परिजन पहुंच गए। छात्रा की हालत देखकर पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने एंबुलेंस से छात्रा को CHC बांसगांव भेजा। खून अधिक बहने पर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। पीड़िता की मां की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों पर केस दर्ज किया है। पुलिस घटना के बाद से ही आरोपियों की तलाश में जुट गई थी। भोर में दोनों आरोपियों को दबोच लिया।
दीपक और उपेंद्र ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी
जिला अस्पताल में भर्ती छात्रा घटना को याद करके कांप जा रही है। पूछने पर रोने लगती है। हर सवाल का एक ही जवाब देती है, दीपक और उपेंद्र ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी। दोनों ने मेरे साथ गलत किया है। मैं चीख रही थी, रो रही थी, गुहार लगा रही थी कि छोड़ दो, लेकिन मेरी एक न सुनी। जब छोटा भाई आया तो उन्होंने उसे भी पीटा। यह कहने के बाद वह फिर फफक कर रोने लगी। मां उसे संभाल रही है, तो मासूम भाई को कुछ समझ नहीं आ रहा है कि उसके परिवार के साथ क्या हो रहा है।
गांव में गैंगरेप से गुस्सा
वहीं, इस घटना को लेकर गांव के लोगों में जबरदस्त गुस्सा है। लोग कह रहे हैं कि ऐसे दरिंदों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उधर, आरोपियों के घर पर सन्नाटा है। गांव वालों के गुस्से को देखते हुए पुलिस की गश्त भी बढ़ा दी गई है। आरोपियों को पकड़े जाने की सूचना से लोगों में थोड़ी राहत है। उनकी मांग है कि आरोपियों को कड़ी सजा दिलाई जाए।
पहले घर आए, फिर चाची ने दी पुलिस को सूचना
घटना से छात्रा और उसके परिजन इतने सदमे में आ गए हैं कि वह पहले घर गए। लोकलज्जा के डर से कोई पुलिस में शिकायत भी नहीं करना चाह रहा था। गांव के कुछ लोग मामले को दबाने में लग गए थे। लेकिन, किशोरी रात में 11 बजे के करीब अचानक बेहोश हो गई। उसे अस्पताल ले जाने की नौबत आई तो चाची आगे बढ़कर आईं और इसकी शिकायत पुलिस में करने की बात कही। उन्होंने ही पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद किशोरी को स्वास्थ्य केंद्र और फिर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
काफी दिनों से परेशान कर रहे थे दीपक और उपेंद्र
बांसगांव इलाके में सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित छात्रा घटना को याद करते ही सिहर जा रही है। जिला अस्पताल में भर्ती छात्रा के आंसू रुकने के नाम ले रहे। वह बस एक ही बात कह रही- दीपक और उपेंद्र ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी। दोनों काफी दिनों से मुझे परेशान कर रहे थे। मैं चीख रही थी, रो रही थी, गुहार लगा रही थी कि छोड़ दो, लेकिन हैवानों ने मेरी एक न सुनी। जब छोटा भाई आया तो आरोपियों ने उसे पीट दिया।
नहीं रुक रहे आंखों से आंसू
यह कहने के बाद वह फिर फफक कर रोने लगी। मां उसे संभाल रही है तो मासूम भाई को कुछ समझ ही नहीं आ रहा है कि उसके परिवार के साथ क्या हो रहा है।बेटी को संभालती मां के आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे। रोती हैं, फिर खुद को समझाकर बच्ची को संभालने में जुट जाती हैं। बेटा भी छोटा ही है।
कभी बेटी तो कभी बेटे को संभालती मां के साथ उसकी देवरानी भी हैं। वह किसी तरह से सबको समझा रही हैं। चाची बताती हैं- शोहदा काफी दिनों से बेटी को परेशान करता था, लेकिन न तो बेटी ने लोकलज्जा के डर से कभी बताया, न हम लोग ही समझ पाए। जब पता चला, तब तक जिंदगी तबाह हो चुकी है। लेकिन, शोहदों को छोड़ेंगे नहीं।
कड़ी सजा दिलाने की मांग
उन्होंने कहा-आरोपियों को उनकी करनी की सजा दिलाने तक लड़ेंगे। पुलिस से भी यही गुहार है कि आरोपियों को कड़ी सजा मिले। सजा ऐसी हो कि कोई किसी की बेटी के आबरू से खेलने की कोशिश न कर सके। दोनों आरोपी के परिवार वाले भी मनबढ़ हैं, घटना की जानकारी होने पर समझाने की जगह हम लोगों को ही डांटने लगे। बाद में पुलिस आई तो आरोपी, परिवार के साथ फरार हो गए थे।
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